उत्पादन रेंज में कूप प्रभारी का बड़ा खेल,सड़क मरम्मत के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा,पांच हजार में जेसीबी मशीन से करवाया काम,बैतूल के बोगस खातों में मजदूरी के नाम डलवाई लाखों की राशि
बैतूल। ज़िले के वन महकमे में फर्जीवाड़े के बड़े मामलें लगातार सामने आ रहे है। मौजूदा समय मे उत्तर वन मंडल में लाभांश की राशि फर्जी खातों में डालकर लाखों के भ्रष्टाचार का मामला अभी चल ही रहा है। जिसमें जिम्मेदार पर एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है लेकिन फर्जीवाड़े के मामलें रुकने का नाम नही ले रहे है। ताजा मामला उत्पादन रेंज तावड़ी का सामने आया है जिसमें कूप प्रभारी ने बिना काम करवाए बैतूल और करीबी गांव के दस लोगों के खातों में कूपों की सड़क मरम्मत कार्य के नाम पर फर्जी तरीके से राशि डाल कर भ्रष्टाचार कर लिया है। ऐसा नहीं कि इस मामलें की जानकारी विभाग के बड़े अधिकारियों को नही है जिन फर्जी बाउचरों के जरिए ये लाखों की राशि फर्जी खातों में डाली गई है ऐसे बाउचरों को बड़े अधिकारियों की सहमति और दस्तखत से ट्रेजरी भिजवाया गया है। मामला सामने आने के बाद नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी पूरे मामलें में लीपापोती करने की फिराक में है। गांव के ग्रामीणों की माने तो 1280 और 1252 कूपो में प्रभारी राजेंद्र साइंचार ने गांव के मजदूरों और वन सुरक्षा समितियों के सदस्यों से सड़क मरम्मत का कार्य ना करवा कर जेसीबी मशीन से काम करवाया है। जब हमने इस मामलें की पड़ताल की तो जेसीबी संचालक ने बताया कि सड़क मरम्मत कार्य के उसे केवल 5 हजार रुपए मिले हैं। जब इस पेमेंट की जानकारी जुटाई गई तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। कूप प्रभारी ने बिना कार्य करवाए महीने भर पहले बैतूल और उसके करीबी गांव के लोगों को मजदूर बताकर लाखों की राशि निकाल ली। राशि निकलने के एक माह बाद कूप प्रभारी ने महज 6 घंटे जेसीबी मशीन चलाकर बड़ा खेल कर दिया है। मामला प्रकाश में आने के बाद विभाग के आला अधिकारी पूरे मामलें में लीपापोती करने की फ़िराक में है और जांच में इन फर्जी मजदूरों को कैंडल मजदूर बताने की कोशिश की जा रही हैं।