भ्रष्टाचार के आरोप में 10 कम्प्यूटर आपरेटरों को सीसीएफ ने हटाया,डीएफओ ने सभी को रखा यथावत
कार्य प्रभावित होने का हवाला देकर भ्रष्ट आपरेटरों से करा रहे काम
बैतूल। वन विभाग जैसा कि आप जानते ही हो जंगल और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए काम करता है लेकिन आजकल बैतूल के जंगल विभाग मे अधिकारी और कर्मचारी अपने मुख्य कार्य को छोड़ कर वे सब कार्य मे संलिप्त है जिससे भारी नुकसान आने वाले दिनों में बैतूल जैसे प्राकृतिक संपदाओं से सम्पन्न जिले को होने वाला है। विभाग में वन और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए मिलने वाले बजट को पलीता लगाया जा रहा है,जिसका खुलासा होने और इसमें संलिप्त लोगों पर कार्यवाही होने के बावजूद भी वन मण्डलाधिकारियो द्वारा इन्हें बचाया जा रहा है। ताजा मामला वन वृत्त के चारों वन मंडल में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरो को पद से पृथक करने का है कि जिसमें तात्कालिक मुख्य वन संरक्षक प्रफुल फुलझेले ने कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा शासन से मिलने वाली राशि अपने सगे संबंधियों के खातों में डालने के साथ ही कई शिकायतों के बाद इन्हें तत्काल पद से पृथक करने के आदेश दिए थे लेकिन आज तक इस पर जिम्मेदारों ने कोई कार्यवाही नही की जिससे साफ जाहिर है की इस भ्रष्टाचार में कंही ना कंही ज़िम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण इन कम्प्यूटर आपरेटरों को प्राप्त है।
इन कम्प्यूटर ऑपरेटरों को पद से किया गया पृथक
1. चैतराम यादव,व्यय शाखा,पश्चिम वन मंडल सा.
2. मूलचंद यादव,व्यय शाखा,पश्चिम वन मंडल सा.
3. श्रीराम यादव,स्थापना शाखा,पश्चिम वन मंडल सा.
4. दीपक यादव,व्यय शाखा,दक्षिण वन मंडल सा.
5. संदीप नागनपुरिया,स्थापना शाखा,दक्षिण वन मंडल सा.
6. रामचन्द्र देशमुख,मानचित्रकार शाखा,दक्षिण वन मंडल सा.
7. संग्राम सिंह चौहान,व्यय शाखा,उत्तर वन मंडल सा.
8. सतीश साहू,व्यय शाखा,उत्पादन वन मंडल
9. सीमा साहू,व्यय शाखा,उत्पादन वन मंडल
10. इरशाद अली,स्थापना शाखा,उत्पादन वन मंडल
कम्प्यूटर आपरेटरों को अधिकारी का संरक्षण
एक दो नही बल्कि विभाग के 10 कम्प्यूटर ऑपरेटरों के खिलाफ गंभीर शिकायतों के बाद हटायें जाने के मुख्य वन संरक्षक के आदेश के बाद भी ये सभी मौजूदा समय मे अपनी-अपनी जगह जमे हुए हैं। अब इसके पीछे अधिकारी कार्य प्रभावित होने का हवाला दे कर इन्हें बचा रहे है। जबकि आज के समय में इतने बेरोजगार युवक युवती रोजगार की तलाश में है कि विभाग एक भर्ती निकालता है तो 10 हजार आवेदन आते है ऐसे में अधिकारी क्यों नहीं इन्हें हटा कर नए कम्प्यूटर आपरेटर नियुक्त कर रहे हैं। इसके पीछे कई सवाल अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे है। चर्चा तो यहां तक हो रही है कि कम्प्यूटर आपरेटर जो भी गड़बड़ करते है वह मिलीभगत से किया जाता है। इसके पहले भी उत्तर वन मंडल में कम्प्यूटर आपरेटर ने लाखों रुपए की राशि अपने सम्बंधियों के खाते में डाल कर भ्रष्टाचार किया था। मामला खुलने के बाद एफआईआर तक दर्ज हुई थी और कम्प्यूटर आपरेटर गिरफ्तार भी हुआ था।
रेंजों के आपरेटर भी कर रहे बड़ा खेल
वन मंडल कार्यालयों के ही कम्प्यूटर आपरेटर गड़बड़ नही कर रहे हैं सूत्रों की माने तो रेंज में कार्य कर रहे कम्प्यूटर आपरेटर भी शासन की राशि रेंजरों के साथ मिलकर अपने परिवार के खातों में डाल कर बड़ा फर्जीवाड़ा लंबे समय से कर रहे है। इतना ही नही अपने ससुराल वालों के खातों में भी राशि डालने की जानकारी मिल रही हैं। कुछएक कम्प्यूटर ऑपरेटर तो अपनी शासकीय सेवक पत्नी के खाते में भी राशि डालकर फर्जीवाड़ा करने से बाज नही आ रहे हैं। ऐसे कंप्यूटर आपरेटर द्वारा लाखों के प्लॉट और आलीशान मकान का भी निर्माण किए जाने की बात सूत्र बता रहे है। फ़िलहाल ऐसे भ्रष्टाचारी कम्प्यूटर आपरेटरों की जानकारी जुटाई जा रही हैं और जल्द ही इनका भी मय प्रमाण के भ्रष्टाचार उजागर किया जाएगा।
इनका कहना है
मेरे दौरे के दौरान मेरे पास कुछ आपरेटर आये थे जिन्होने मुझे एक आवदेन देकर उन्हें ना हटाये जाने का निवेदन किया है ।मैं उसका परीक्षण करवाने के बाद ही कुछ बता सकूंगा ।
रमेश गनावा
प्रभारी सीसीएफ
बैतूल वन वृत्त बैतूल ।