आयेशा फर्नीचर की सागौन को उड़न दस्ते ने पकड़ा,36 घण्टे से चल रही जांच
जांच होते तक आरामशीन की सील
मुख्यालय के डिप्टी रेन्जर गजानन कोडापे की भूमिका पर उठ रहे सवाल
बैतूल ।नगर के प्रसिद्ध लकड़ी व्यपारी आयेशा फर्नीचर मार्ट की सागौन को गुरुवार की सुबह पकड़ा गया है लेकिन विभाग की कछुआ चाल से 36 घण्टे बीतने के बाद भी कोई नतीजा नही निकला है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर सीसीएफ प्रफुल फुलझेले ने उड़नदस्ता दल को मौके पर पहुंचाया ।मौके पर पहुंचे दल ने ट्रेक्टर में लाद कर ले जाई रही सागौन को रोककर जांच पड़ताल की ट्रेक्टर 34 नग सागौन लदी हुई थी ।ट्रेक्टर ड्राइवर ने बताया कि वह यह सागौन आरामशीन से भग्गुढाना स्थित प्लाई फेक्ट्री लेकर जारहा था । उड़नदस्ता दल को सन्देह होने पर बैतूल रेंज को सौंप दिया है ।जानकार बताते है कि किसी भी आरा मशीन पर इस तरह की चिरान नही होती यह विशुद्ध रूप से अवैध सागौन है । जानकारों की माने तो इस तरह के लठ्ठे महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांव में तैय्यार कर वाहनों में भरकर महाराष्ट्र भेजे जाते है ।हाल ही में सावल मेंढा रेंज की गुनघाटी ओर धाबा बेरियर पर पकड़ी गई अवैध सागौन से शत प्रतिशत मिलती जुलती है यही नही पकड़ी गई सागौन गीली भी है ।प्रथम दृष्टया सागौन पर हेमर नम्बर लाट नम्बर की जगह आरा मशीन वालो के नम्बर डाले हुए है ।फिलहाल जांच होते तक आर मशीन को सील कर दिया गया है ।
बंकर कांड में भी हुआ था लेनदेन
बैतूल के बहुचर्चित बंकर कांड में भी इस कम्पनी की सागौन माफिया के साथ सांठ गांठ ओर मशीन पर सागौन पहुंचने के प्रमाण मिले थे जिसे अधिकारियों की मिली भगत से रफा दफा कर दिया गया था ।
डिप्टी रेंजर की भूमिका पर सवालिया निशान
मुख्यालय के डिप्टी रेंजर गजानन कोडापे पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बावजूद भी इन्हें बैतूल मुख्यालय का प्रभार दे दिया गया यही वजह है कि श्री कोडापे आरा मशीनों पर मेहरबान है ।आरा मशीनों पर धड़ल्ले से अवैध सागौन पहुंच रही है ।
खबर में डिप्टी का अड़ंगा
पकड़े गए ट्रक्टर की जांच निष्पक्ष होगी हमे यह तो भरोसा है लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रेंज आफिस पहुंचे डिप्टी रेंजर ने गजानन कोडापे ने ट्रेक्टर पर लदी सागौन को दिखाने की जहमत नही उठाई जबकि मेरे द्वारा यह भी कहा गया कि साहब ने बोला है लेकिन श्री कोडापे ने कहा कि अपने लोग है खबर मत लगाओ जाने दो ओर यह कहकर अपनी बाइक उठाये चले गए ।
इनका कहना है ।
मैं जांच कर प्रतिवेदन
डीएफओ को सौंप दूंगा वही इस बारे में बता पाएंगे ।
अजय वाहने
प्रभारी एसडीओ फॉरेस्ट
बैतूल ।
अभी एसडीओ ओर रेन्जर जांच कर रहे है जांच रिपोर्ट आते ही आपको बता सकूंगा
देवांशु शेखर
डीएफओ
उत्तर वन मंडल बैतूल