वन माफिया राजू वाड़ीवा को वन अमले ने पिपरिया में दबोचा,शिकार समेत अवैध वन कटाई के मामलों में था फरार
- राजू की गिरफ्तारी से जंगल महकमे ने राहत की सांस ली
बैतूल ।बैतूल समेत नर्मदापुरम ओर आसपास के जिलों में अवैध सागौन कटाई,वन्य प्राणियों के शिकार ओर अन्य अपराधों में आतंक का पर्याय बन चुके निशाना पाठई के वन माफिया राजू वाड़ीवा को बैतूल ट्रेनी आईएफस ओर उनकी टीम ने अंततः पिपरिया में दबोच लिया है ।
मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर बैतूल वन संरक्षक बासु कनौजिया के मार्गदर्शन एवं वन मंडलाधिकारी उत्तर बैतूल
नवीन गर्ग के निर्देशन में वन विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए कुख्यात अपराधी राजू वाडीवा को नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से गिरफ्तार कर लिया। यह कार्यवाही आईएफएस विनोद जाखड़ के नेतृत्व में परिक्षेत्र अधिकारी सारनी तथा बैतूल
और सारनी रेंज के स्टाफ की संयुक्त टीम ने की है ।
गौरतलब है कि राजू वाडीवा के खिलाफ 1997 से लेकर अब तक पथरोटा, शाहपुर एवं तवानगर थाने में भादस/बीएनएस,
विस्फोटक अधिनियम एवं रासुका की विभिन्न धाराओ के अंतर्गत चोरी, मारपीट, लूटपाट, धोखाधड़ी के अट्ठारह केस दर्ज है।
साथ ही भारतीय वन अधिनियम एवं वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत बैतूल एवं नर्मदापुरम में शिकार तथा अवैध कटाई
के दस मामले दर्ज है। वह पिछले कई साल से फरार चल रहा था एवं पुलिस तथा वन विभाग को काफ़ी समय से इसकी तलाश
थी। गिरफ्तारी के उपरांत राजूवाडिया को न्यायालय में पेश किया गया जहाँ से उसे सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।वन
मंडलाधिकारी उत्तर बैतूल नवीन गर्ग ने कहा की वन अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही ऐसे ही निरंतर जारी रहेगी।
बैतूल वन विभाग द्वारा की गई इस बड़ी कार्रवाई में वन माफिया राजू वाडीवा की गिरफ्तारी से क्षेत्र में वन अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह गिरफ्तारी नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से हुई, जहां वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
मुख्य बिंदु:
1. गिरफ्तारी: मुखबिर की सूचना पर आईएफएस विनोद जाखड़ के नेतृत्व में बैतूल और सारनी रेंज की टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
2. अपराधों का इतिहास:
1997 से अब तक पथरोटा, शाहपुर, तवानगर थानों में 18 केस दर्ज (चोरी, लूट, धोखाधड़ी, मारपीट आदि)।
भारतीय वन अधिनियम एवं वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत 10 मामले दर्ज (शिकार व अवैध कटाई)।
विस्फोटक अधिनियम व रासुका के तहत भी केस दर्ज।
3. रिमांड: गिरफ्तारी के बाद 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया।
4. वन विभाग का रुख: वन मंडलाधिकारी नवीन गर्ग ने कहा कि वन अपराधियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
- यह कार्रवाई वन संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।