वन विभाग के थोक बन्द तबादलों पर सवालिया निशान,पन्द्रह वर्षो से जमे वनकर्मियों पर आखिर मेहरबानी क्यो
मनमोहन परते वन पाल
पाट 13 वर्ष, ज्ञान सिंह डाबर पाट 10 वर्ष, कोकिय टेकाम बेहड़ा 12 वर्ष………निरन्तर…
विभाग में चली धन लक्ष्मी एक्सप्रेस
बैतूल। बैतूल वन वृत्त के पश्चिम वन मंडल सहित अन्य वन मंडलों में किए गए स्थानांतरण में नियमों को ताक पर रखकर जमकर मलाई काटने की खबर अंदरखाने से निकल कर आ रही है। विभागीय चर्चा है कि जिन वनकर्मियों ने माल नही पंहुचाया या जो कर्मचारी अधिकारियों के अनुचित कार्यों का विरोध करते हैं उन्हें नियम विरुद्ध संवेदनशील क्षेत्रों में पदस्थ कर दिया गया है। जन चर्चाओं के मुताबिक स्थानांतरण में जमकर धनवर्षा होने की बात तब सत्य लगती है जब जो वन कर्मी एक ही जगह 20 वर्षो से जमा हुआ है उनका ट्रांसफर ना करके जिन्हें 3 वर्ष भी नही हुए ऐसे वन कर्मियों का स्थानांतरण नियम विरुद्ध कर दिया गया है। कुछ ऐसे भी वनकर्मि है जो 10 से वर्षो से अधिक या अपनी अभी तक कि नौकरी एक ही जगह रहकर पूरी कर चुके हैं चर्चाएं बताती है की लक्ष्मी जी के सहारे उन्हें फिर से अभय दान दिया गया है। उनमें मनमोहन सिंग परते वन पाल पाट लगभग 13 वर्षों से,ज्ञानसिंग डाबर वन रक्षक पाट लगभग 10 वर्षों से,फुलसिंग यादव वन रक्षक खामापुर लगभग 10 वर्ष से,कोकिय टेकाम वन रक्षक बेहड़ा लगभग 12 वर्ष से,सतीश वरकड़े वन रक्षक दाबिदा लगभग 10 वर्षो से,नीलेश बरवे वन रक्षक डिवीजन कार्यालय पश्चिम वन मंडल में लगभग 10 वर्षो से,अनवर खान वन पाल आरोग्य वाटिका में लगभग 15 वर्षो से,सुनील मेनन वन रक्षक उत्पादन तावड़ी में अपनी अभी तक की पूरी नौकरी कर चुके,राजेंद्र साइंचार वन रक्षक उत्पादन तावड़ी में लगभग 15 वर्षों से अधिक,काकोडिया उत्पादन मोहदा 15 वर्षों से,रेणु शर्मा वन रक्षक उत्पादन तावड़ी में लगभग 9 वर्षों से जमे हुए है। लगभग 7 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात वनकर्मी में दिनेश चौहान वन रक्षक लापा,संदीप मर्सकोले वन रक्षक झापल,राकेश चौकीकर वन रक्षक टाकझिरी,सुनिल अहाके वन रक्षक टिट्वी,किशोर सलामे वन रक्षक पिपरिया,सुभाष भलावी वन रक्षक गुरवा,आशीष यादव वनरक्षक पात्री,सुनील पंडोले वन रक्षक तावड़ी सहित कई कर्मचारी वर्षों से एक ही जगह जमे हुए है।इसके अलावा वन रक्षक अभिषेक राठौर के दो बार तबादला आदेश के बाद भी रिलीव नही किया गया ।श्री राठौर इस बार भी तबादला किये जाने हेतु आवेदन किया था जिसमे उसने पारिवारिक कारणों का हवाला दिया था परंतु उसके आदेश नही हुए ।
वन मंडल के अधिकारियों ने अपने मातहतों को बचाने के लिए जिन वनकर्मियों को पदस्थ हुए 3 वर्ष भी पूरे नही हुए उन्हें विभागीय स्तर पर ट्रांसफर कर दिए है जिनमें सूरतराम सरिया,संजय जैन,जगणसिंग पन्द्राम, सोमजी उईके,विशाल बामने सहित अन्य वनकर्मी है शामिल है ।