उड़नदस्ते ने नाकेदार के रेत से भरे ट्रेक्टर को पकड़ा,सत्यापन के लिए गई टीम को फिर मिला ट्रेक्टर
ताप्ती रेंज में नाकेदार ही कर रहा उत्खनन
डीएफओ बोले नाकेदार के भाई की है ट्राली,सीसीएफ ने नहीं किया फोन रिसीव
बैतूल ।हमारे यंहा एक कहावत है बागड़ ही खा रही खेत यह कहावत इस वक्त दक्षिण वन मण्डल की ताप्ती रेंज पर सटीक बैठती है ।दरअसल बुधवार की रात को सीसीएफ प्रफुल फुलझेले को सूचना मिली थी कि ताप्ती रेंज के जंगल से रेत निकल रही है इस सूचना पर श्री फुलझेले ने अपनी उड़नदस्ता टीम को भेजा ,टीम को ताप्ती रेंज के कक्ष क्रमांक 1121 गौनिघाट बीट में से बहने वाले नाले में एक ट्रेक्टर जिसकी ट्राली पर पिपरदे कंस्ट्रक्शन लिखा हुआ मिला ट्रेक्टर ट्राली में रेत भी भरी हुई थी ।ट्रेक्टर में सवार ड्राइवर ओर अन्य कर्मी को पकड़ा गया ।उड़नदस्ता ने ट्रेक्टर को रात में ही खेड़ी सर्किल पर स्टाफ के सुपुर्द कर दिया ।
पकड़े गए ट्रक्टर ट्राली के बारे में छान बीन करने पर पता चला है कि यह ट्रेक्टर ट्राली महुपानी सर्किल के गौनिघाट में पदस्थ नाकेदार विजय पिपरदे की है ।
ट्रेक्टर पकड़े जाने के बाद अधिकारी और वनकर्मचारी विभाग की बदनामी के डर से पहले तो रेत जंगल से नही निकलने राजस्व से निकलने की बात बताते रहे लेकिन सीसीएफ प्रफुल्ल फुलझेले ने उड़नदस्ता टीम को गुरुवार को दिन में दोबारा तस्दीक करने भेजा ।दोबारा पहुंची टीम को उसी जगह एक ओर ट्रेक्टर रेत् भरते मिलगया ।उसे भी जब्त कर महुपानी नाके में खड़ा करवाया गया है ।
नाकेदार को बचाने अधिकारी यंही नही रुके उन्होंने विजय पिपरदे को सलाह दे डाली की ट्रेक्टर ट्राली का बैक डेट में बेचानामा बनालो ओर उसे प्रस्तुत करदो ।
गुरुवार को प्रशिक्षु आईएफएस ओर प्रभारी रेन्जर पूजा नागले से पूछे जाने पर उनका कहना था कि उड़नदस्ता ने जो कार्यवाही की है वह रजस्व क्षेत्र है उनके मुताबिक जंगल वँहा से दूर है ।जब नाकेदार विजय पिपरदे के ट्रेक्टर ट्राली के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ट्रेक्टर ट्राली गौनिघाट के महेश यादव की है ।उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी इसी नाले में पकड़ाये ट्रेक्टर ट्राली राज सात हुए है अब सवाल यह है या तो यह कार्यवाही गलत ही तो पूर्व में राज सात किये गए ट्रेक्टर ट्राली भी गलत राज सात किये गए है यह तो आगे की जांच ही बातेयगी ।लेकिन एक बात तो तय है कि विभाग अगर चाह ले तो फिर कार्यवाही हो भी सकती है और बचाया भी जा सकता है। इस पूरे मामले में दक्षिण बन मंडल के डीएफओ विज्यान्नतम टी आर ने बताया कि नाकेदार की गलती यही है कि उसके भाई अजय के नाम यह ट्राली है वो भी एक माह पहले बेच चुका है ।
सीसीएफ ने रिसीव नही किया फोन
इस पूरे मामले में सीसीएफ प्रफुल्ल फुलझेले से बात करनी चाही तो उन्हों सुबह मीटिंग का हवाला दिया और शाम में फोन रिसीव नही किया जिससे उनका पक्ष नही मिल सका ।हालांकि यह पहला मौका नही है जब अधिकारी सरकारी फोन भी उठाने की जहमत नही करते है कई बार फोन लगाने पर एकाध बार जवाब मिल पाता है ।