आरईएस के इंजीनियर ने जेसीबी से तोड़े वन सीमा के मुनारे,सागौन के पेड़ भी दबाए
अधिकारी एक दूसरे पर टाल रहे,डिप्टी रेंजर बोले इंजीनियर को दी थी समझाईश
बैतूल। सरकारी कार्यों में भी जिम्मेदार अधिकारी नियम कायदों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी चला कर पर्यावरण को नुकसान पंहुचाने से नही चूक रहे है वंही इसे रोकने की जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई हैं वे नोटों की पट्टी आँख पर बांध कर मौन व्रत धारण करें हुए है। ताजा मामला केरपानी पंचायत में आरईएस विभाग द्वारा बनाए जा रहे 53 लाख के अमृत सरोवर का है जंहा इंजीनियर ने बिना वन विभाग के सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना केरपानी बीट के कंपार्टमेंट क्र.1074 (पीएफ)में वन सीमा क्षेत्र के तीन मुनारे तोड़ दिए हैं इतना ही नही हरे भरे सागौन के पेड सहित आलपाल के पेड़ों को धराशाई कर डैम में डुबा दिया गया है। पानी के बीच डूबे इन पेडो को डैम में आसानी से देखा जा सकता है और कुछ गिराए गए पेड़ अभी भी दिखाई दे रहे है। ग्रामीणों की माने तो डैम निर्माण में जेसीबी का जमकर इस्तेमाल हुआ है और जो मुनारे तोड़े गए है वे जेसीबी मशीन से ही तोड़े गए है। लेकिन वन क्षेत्र में मशीनों से कार्य करने के पहले आरईएस विभाग ने वन विभाग से विधिवत अनुमति लेना उचित नहीं समझा। अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी गुस्ताखी बिना परमिशन आरईएस विभाग ने वन क्षेत्र में कर ली लेकिन वन विभाग के डिप्टी रेंजर और नाकेदार को ख़बर नही लगी हो ऐसा तो नही हो सकता है। ग्रामीणों की माने तो डिप्टी साहब मौके पर पंहुचे तो थे लेकिन कार्यवाही नहीं की गई हैं वंही इस मामलें को वन विभाग के आला अधिकारी के संज्ञान में भी नहीं लाया गया है। जब हमने डिप्टी रेंजर शिवनाथ वाघमारे से मामलें को लेकर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि आरईएस विभाग ने वन विभाग से कोई अनुमति नहीं ली है। इंजीनियर ने जेसीबी से कार्य करवाया है और उसी में मुनारे का कुछ भाग तोड़ा है। मैं मौके पर गया था और समझाइश दी गई थी मैंने कोई कार्यवाही नही की है। सागौन के पेड़ों के बारे में मुझे जानकारी नही है। वंही इस मामलें में प्रशिक्षु आईएफएस एवं ताप्ती रेंज प्रभारी पूजा नागले से इस मामलें में चर्चा की गई तो उन्होंने पूरे मामलें को दिखवाने की बात कही है। वंही इस मामलें में आरईएस विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री वर्मा और इंजीनियर विनोद धुर्वे से उनके मोबाईल पर चर्चा करनी चाही तो दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया।
इनका कहना है:-
मैं इस मामलें में रेंजर मैडम को बोलता हूँ। वे आपसे बात करेंगी उन्हें पूरी जानकारी दे दीजिए।
विजयानंतम टीआर
डीएफओ,दक्षिण वन मंडल(सा.) बैतूल