गुमनाम खत ने वन कर्मियों की बढ़ाई मुसीबत,5 दिनों से छान रहे जंगल की खाक
वन्यप्राणी की मौत की सूचना पर सीसीएफ ने भेजा उड़न दस्ता, नही लगा कोई सुराग
रेत माफिया अफवाह फैलाकर मैदानी अमले को हटाना चाहता है
बैतूल ।प्रभारी सीसीएफ को मिले एक गुमनाम खत ने भौंरा रेंज के वनकर्मियों को भिंगरी बना दिया है बीते 5 दिनों में भौंरा रेंज समेत सीसीएफ के उड़नदस्ते जंगल की खाक छान डाली लेकिन कोई पुख्ता सुराग अब तक हाथ नही लगा है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते सप्ताह प्रभारी सीसीएफ पी एन मिश्रा को एक गुमनाम खत मिला जिसमे भौंरा रेंज के कछार गांव से लगे पीएफ कम्पारटमेंट 397 जो कि धारनमउ नाके के पीछे हनुमान मंदिर के पास वन्य प्राणी के 3 दिन पुराने शव का ज़िक्र करते हुए लिखा गया था और यह भी बताया गया था कि उसे अन्यत्र दफना दिया गया है ।शेड्यूल 1 का वन्य प्राणी होने की वजह से प्रभारी सीसीएफ श्री मिश्रा ने इसे गंभीरता से लिया और सबसे पहले स्थानीय अमले से पूरे मामले की जांच करवाई श्री मिश्रा यंही नही रुके उन्होंने अपने उड़ान दस्ते से भी जंगल का चप्पा चप्पा छनवा लिया,उड़नदस्ते ने गांव के सरपंच समेत दर्जनों ग्रामीणों से बात की लेकिन 5 दिन की पड़ताल में वनकर्मियों ओर उड़न दस्ते को कोई पुख्ता सुराग नही मिले है ।
रेत माफिया ने फैलाई अफवाह ताकि वह कर्मियों को हटाया जाए।
कछार गांव से लगे वन ओर राजस्व में अच्छी क्वालिटी की रेत बहुतायत में उपलब्ध है माइनिंग माफिया की नज़र इस रेत पर बहुत दिनों से है
दरअसल रेत माफिया को यंहा से रेत निकालने में कोई जोखिम नही उठाना पड़ेगा रेत के वाहनों को भी आने जाने में कोई दिक्कत नही होगी क्योंकि मुख्य मार्ग से लगे इलाके मे ही सारी रेत उपलब्ध है ।यह एक बड़ी वजह है अफवाह फैलाकर भौंरा रेंज के वन कर्मियों को उनके इलाके से हटवाने की ।
20 दिन पहले लिखी गई थी वन्य प्राणी की मौत की स्क्रिप्ट
सूत्र बताते है कि कलेक्टर की रेत माफिया पर हुई ताबड़ तोड़ कार्यवाही के बाद भौंरा के नए नए रेत माफिया ने ग्रामीण नेताओ को साथ लेकर वन्य प्राणी की मौत की स्क्रिप्ट 20 दिन पहले ही तैय्यार कर ली थी । उनकी मंशा साफ थी कि एन केन कैसे भी वन कर्मियों को हटाओ ओर अपने लोगो को सेट के रेत जा कारोबार शुरू करो लेकिन उनकी मंशा पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है ।
अधिकारियों का गैर ज़िम्मेदाराना रवैय्या
इस पूरे मामले में जब हमने उत्तर वन मण्डल के डीएफओ देवांशु शेखर के सरकारी नम्बर पर बात करनी चाही लेकिन उनका हमेशा की तरह फोन पर मैसेज आया कि मैं आपसे बाद में बात करता हूँ। इसी तरह प्रभारी सीसीएफ पी एन मिश्रा के सरकारी नम्बर हमेशा की तरह बंद मिले जब उन्हें उनके पर्सनल नम्बर 9425622774 पर फोन लगाया तो कवरेज से बाहर बताता रहा ।इससे एक बात तो साफ हो गई की जिले के वन अधिकारी कितने गैर जिम्मेदार है ।