भाभी ने दो हजार में करवादिया देवर का कत्ल,देवर भाभी का विवाद बना हत्या का कारण
परिजनों ने पहचानने से कर दिया था इनकार
कोतवाली पुलिस ने 6 माह की कड़ी मशक्कत के बाद किया खुलासा
मलियाढाना क्षेत्र में 27 अप्रैल को मिला था जला हुआ शव
बैतूल । छह माह की कड़ी मशक्कत के बाद अंततः कोतवाली पुलिस को अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में सफलता मिल ही गई ।अप्रेल माह में कोतवाली थाना क्षेत्र के मालिया ढाना क्षेत्र में श्यामा उइके के खेत क्व नज़दीक अज्ञात व्यक्ति का जला हुआ शव मिलने की सूचना पर कोतवाली टीआई देवकरण डेहरिया चौकी प्रभारी खेड़ी ओर एफएसएल की टीम के साथ मौका मुआयना करने पहुंचा था। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि शव करीब 30 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का है, जो अधजली अवस्था में पड़ा था। मृतक के शरीर और चेहरे पर इस कदर जलने के निशान थे कि उसकी पहचान संभव नहीं हो पा रही थी। इस पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप में धारा 302 और 201 भादवि के तहत प्रकरण क्रमांक 460/24 दर्ज कर विस्तृत विवेचना प्रारंभ की।
मृतक की शिनाख्त और जांच प्रक्रिया
अज्ञात शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्यापक स्तर पर जांच की। आसपास के थाना क्षेत्रों में गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी जुटाई गई और मृतक के हुलिये के आधार पर पहचान के प्रयास किए गए। जांच के दौरान, थाना झल्लार क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गाडागोहान से 25 अप्रैल 2024 को शंकर दाहीकर नामक व्यक्ति के गायब होने की सूचना प्राप्त हुई। उसके परिवार से संपर्क कर शव की तस्वीर दिखाने पर परिवार ने उसकी पहचान से इंकार कर दिया। इसके बावजूद, पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए ऑनलाइन दर्ज गुमशुदगी की तस्वीर का शव से मिलान किया, संदेह के आधार पर मृतक के प्रजर्व किए गए सैम्पल और शंकर दाहीकर के परिजनों के ब्लड सैम्पल का डीएनए परीक्षण कराया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मृतक शंकर दाहीकर ही था।
हत्या का पर्दाफाश और आरोपियों की पहचान का एसडीओपी ने किया खुलासा
कंट्रोल रूम में आज बैतूल एसडीओपी शालिनी परस्ते ने खुलासा हत्या का करते बताया जांच में पाया गया था कि मृतक शंकर दाहीकर का उसकी भाभी मनीता से लगातार विवाद होता था। मनीता ने अपने भाई संदीप दाहीकर को शंकर की हत्या करने के लिए उकसाया। दिनांक 25 अप्रैल 2024 को संदीप दाहीकर अपने साथी नीलेश चौहान के साथ गाडागोहान में एक शादी समारोह में गया था, जहां से उन्होंने शंकर को शराब पीने के बहाने बुलाया। दोनों आरोपियों ने शंकर को साथ ले जाकर उसे अपने बेल्ट से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद, उन्होंने पेट्रोल खरीदकर शंकर के शव को जलाया और घटना स्थल से फरार हो गए।
इनकी हुई गिरफ्तारी और हुई मुख्य आरोपी फरार
घटना के बाद, दोनों आरोपी संदीप दाहीकर और नीलेश चौहान महाराष्ट्र भाग गए थे। पुलिस ने दोनों को महाराष्ट्र से अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। दिनांक 19 अक्टूबर 2024 को दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य षडयंत्रकारी मनीता फरार है वन्ही आरोपी
संदीप दाहीकर पिता मोंग्या दाहीकर, उम्र 20 वर्ष, जाति कोरकू, निवासी बर्रा कास्या,नीलेश चौहान पिता धूमधा चौहान, उम्र 20 वर्ष, जाति कोरकू, निवासी बर्रा कास्या, ओर इस पूरी घटना की मास्टर माइंड मनीता फरार है ।
इस पुलिस टीम की रही विशेष भूमिका
इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में एसडीओपी शालिनी परस्ते के मार्गदर्शन और निरीक्षक देवकरण डेहरिया के नेतृत्व में टीम ने तत्परता से कार्य किया। इस महत्वपूर्ण कार्यवाही में उपनिरीक्षक राकेश सरेयाम, सहायक उपनिरीक्षक प्रवीण पचौरी, सहायक उपनिरीक्षक दिलीप टांडेकर, प्रधान आरक्षक ब्रिजेश रघुवंशी, दीपक कटियार, रोहित नवरेती, ओमकार, सोनी सूर्यवंशी, अभिषेक, मनोज इवने, उज्जवल, दुर्गेश वर्मा, महिला आरक्षक निर्मला, सायबर सेल और एफएसएल टीम का विशेष योगदान रहा। पुलिस अधीक्षक बैतूल श्री निश्चल झारिया ने टीम की इस सराहनीय कार्यवाही की प्रशंसा की है।
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