पूर्णा डेम से नाव के सहारे महाराष्ट्र सागौन की तस्करी, दो अलग-अलग मामलों में अवैध सागौन के साथ आरोपी गिरफ्तार
बिसोड़ी गांव के पास पूर्णा डेम किनारे नाव में छिपाई गयारह नग अवैध सागौन
बैतूल। दक्षिण वनमंडल के सावलमेंढा वन परिक्षेत्र में रात्रि गश्ती के दौरान वन विभाग ने अवैध सागौन के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की है।एक मामले ने तो वनकर्मियों को हैरत में डाल दिया जब उन्होंने पूर्णा डेम में नाव में छुपी हुई सागौन देखी ।
मिली जानकारी के मुताबिक साकली सर्किल के गश्ती दल ने ग्राम पिपलदरी से गोखलापूर मार्ग पर 16 नग अवैध सागौन की लकड़ी बरामद की। यह लकड़ी 0.304 घन मीटर माप की थी, जिसका बाजार मूल्य लगभग 17,108 रुपए आंका गया है। इस मामले में आरोपी अब्दुल रहमान मोहम्मद शमी, निवासी ब्राम्हानवाड़ा को हिरासत में लिया गया है, और उससे पूछताछ जारी है। इसी दिन एक अन्य प्रकरण में गश्ती दल ने बिसोड़ी गांव के पास पूर्णा डेम किनारे एक पतवार नाव में छिपाई गई 11 नग अवैध सागौन की लकड़ी बरामद की। यह लकड़ी 0.155 घन मीटर माप की थी, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 7,350 रुपए है। हालांकि, इस मामले में आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। गौर तलब है कि सावल मेंढा रेंज की साकली बीट में लगातार अवैध कटाई जारी है और यह बेशकीमती सागौन सीमावर्ती महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर पहुंचाई जाती है ।इस इलाके से अवैध कटाई रोकने के लिए वन विभाग ने वन चौकी बनाई है और इसके लिये वाहन ओर अलग से अमला भी तैनात किया गया है लेकिन वन बल की कमी से हालात जस के तस बने हुए है । दोनो ही मामलों में वन अपराध दर्ज कर जांच की जारी है। इन कार्रवाइयों में वनरक्षक उत्सव मालवीय, दीनदयाल खोजी, अविनाश डाबर और सुरक्षा श्रमिक भूता चिल्हाटे व रमेश चिल्हाटे का विशेष योगदान रहा।