Wednesday, September 10, 2025
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हमारे पूर्वजों के जंगल प्रेम की वजह से जंगल के अंदर ही सारा ज्ञान मिला और तप तपसया भी : मोहन नागर

हमारे पूर्वजों के जंगल प्रेम की वजह से जंगल के अंदर ही सारा ज्ञान मिला और तप तपसया भी : मोहन नागर

अपने जन्मदिन पर एक पेड़ ज़रूर लगाएं : सीसीएफ बासु कनोजिया

सभी के सक्रिय सहयोग से ही जंगल को बचाया जा सकता है : डीएफओ नवीन गर्ग

बैतूल ।हमारे पूर्वजों के जंगल प्रेम की वजह से जंगल के अंदर ही सारा ज्ञान मिला और उन्होंने तप तपसया भी जंगल मे की है भगवान राम के 14 बरस कन्हा बीते जंगल मे भगवान बुद्ध को ज्ञान कन्हा प्राप्त हुआ बोधी वृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण के जीवन की सारी घटनाएं भी पेड़ो ओर जंगल के प्रेम से ही जुड़ी हुई है । उक्त बातें आज उत्तर वन मंडल की बैतूल रेंज में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि मोहन नागर ने कंही । श्री नागर ने बच्चों से रूबरू होंकर कहा कि पहले हमारे सारे स्कूल जंगल मे ही होते थे सारे आश्रम जंगल मे होते थे सारे विद्यालय ओर छात्रावास जंगल मे होते थे क्योंकि जंगल मे एक सकरात्मकता होती है जंगल में आने से मन प्रसन्न हो जाता है यदि हमारे अंदर जरा सा भी तनाव होता है तो वह भी दूर ही जाता है यंहा आकर सब खुश हो जाते है मन को एक शान्ति मिलती है एक नीरवता मिलती है कंही पक्षियों का कलरव मिलता है कंही झरनों की आवाज़ आती है कंही हवा चलती हैं तो पेड़ पत्तो की आवाज़ें आती है इससे शांति मिलती है सब तरह का तनाव।मन मस्तिष्क से खत्म हो जाता है।इसलिए कोई शांति प्राप्त करना चाहता है तो वह जंगल की ओर जरा है यह जंगल हमारे पूर्वजों की वजह से बचे हुए है आज वनकर्मी जंगल से हट जाएं तो सारा जंगल लोग काट कर चले जायँगे आज भी हमारे वन वासी भाई जंगल से कुछ लाते है तो विधि विधान से लाते है ऐसा भाव हमारे यंहा पर जंगल को लेकर है। श्री नागर ने कहा कि वन विभाग ने पूरे प्रदेश में हमारे स्कूली बच्चों को जल जंगल ज़मीन वन्यप्राणी इन सब से परिचित कराने प्रतिवर्ष अनुभूति शिविरों का आयोजन करता है इस अनुभूति शिविर में आज आसपास के विद्यार्थी आये थे जिसमे वन अधिकारियों और प्रशिक्षण देने आए प्रशिक्षकों ने विद्यार्थियों को वेद पौधों के नाम उसके उपयोग ओर जंगल मे रहने वाले जीव जंतुओं के बारे में नदी के बारे मे पहाड़ के बारे में ओर वनस्पतियों के बारे जानकारी दी ।इस से जब बच्चों का परिचय जंगल से होता है तो लगाव पैदा होता है तो वह जंगल को नुकसान नही पहुंचाते है इस प्रकार से वन की सुरक्षा भी होती है वन में पेड़ लगाना ओर उसको बढाना यह भाव पैदा होता है यही अनुभूति शिविर का लक्ष्य है उद्देश्य है । इसके पूर्व बैतूल वन वृत्त की सीसीएफ बासु कनोजिया ने बताया कि बैतूल वन वृत्त के तीनों डीविजन में अबतक 25 अनुभूति कैम्प आयोजित किये जा चुके है जिसमे लगभग 6 हजार बच्चे शामिल हुए और वनो को करीब से जाना है वन विभाग हमेशा ऐसे कैम्प में छोटे बच्चों को लेता है क्योंकि बच्चे ही पर्यवारण को बचा कर रकग सकते है उनको हम एज़ ए फेस ऑफ चेंज देखते है इसलिए जो बदलाव है उसमें बच्चों का बहुत अहम रोल होगा सीसीएफ ने बच्चों को अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने और उसे पालने का संकल्प भी दिलाया । उत्तर वन मण्डल के डीएफओ नवीन गर्ग ने बच्चों को कहा कि जंगल बचाना किसी एक के वश की बात नही है सभी के सक्रिय सहयोग से ही जंगल को बचाया जा सकता है ।
पूरे दिन चले इस कैम्प में सुबह स्कूली बच्चों को नाश्ता कराकर वन भृमण कराया गया जिसमें बच्चों को पेड़ पौधों,ओषधि पेड़ो ओर वन्यप्राणियो की जानकारी दी गई दो पहर भोजन के बाद,ड्राइंग पेंटिंग,क्विज़ के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए ।बच्चों ने अलग अलग विधाओं में प्रथम,द्वितीय ओर तृतीय स्थान प्राप्त कर अपना पारितोषक मुख्य अतिथि से प्राप्त किया । कार्यक्रम का आभार प्रशिक्षु आईएफएस ओर प्रभारी रेंज ऑफिसर विनोद जाखड़ ने किया ।

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