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विधवा महिलाओं को ‘गंगा भागीरथी’ कहा जाना चाहिए। महाराष्ट्र एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने यह सुझाव दिया है, जिसे पर सूबें में राजनीति तेज हो गई है। उनके इस सुझाव पर एनसीपी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल भड़क गए हैं और उनसे माफी की मांग की है। वहीं राज्य के महिला आयोग की मुखिया रूपाली चनकांकर ने इस सुझाव का स्वागत किया है। सुप्रिया सुले का कहना है कि मंत्री का यह प्रस्ताव गलत है और इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। लोढ़ा ने बुधवार को महिला कल्याण विभाग के मुख्य सचिव को खत लिखा था, जिसमें उन्होंने विधवाओं को गंगा भागीरथी जैसे नाम से संबोधित करने का सुझाव दिया था।
इस प्रस्ताव पर कांग्रेस और एनसीपी की तीखी प्रतिक्रिया आई थी। इसके जवाब में लोढ़ा ने एक वीडियो जारी किया था। उन्होंने कहा कि यह अभी एक प्रस्ताव ही है। इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। अब महिला आयोग की चेयरपर्सन ने उनके इस कदम की सराहना की है। रूपाली ने ट्वीट किया, ‘मैं महिला कल्याण विभाग के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने विधवा महिलाओं के संबोधन के लिए एक सम्मानजक शब्द का सुझाव दिया है। विधवा शब्द महिलाओं के लिए अपमानजनक लगता है।’
रूपाली ने कहा कि महिला आयोग ने भी सरकार को एक सुझाव देते हुए विधवाओं को पूर्णांगी कहने का प्रस्ताव रखा था। इस पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। मैं मंत्री जी को धन्यवाद देती हूं। कई और सामाजिक संस्थाओं ने भी मंत्री के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इन संगठनों ने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए औऱ हर चीज में समानता जरूरी है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि इस तरह का नामकरण करना महिलाओं का अपमान है और इससे भाजपा की मनुवादी सोच उजागर होती है।