दक्षिण वन मण्डल को बनाया नोडल,ट्रांसफर नीति को किया दरकिनार
आखिर इन अंगदों को कौन हटाएगा
30 बर्षो से शिव प्रसाद महोबिया आमला ओर ब्रजलाल उइके मोर्शी में है जमे हुए ।सीमा चौकीकर पर दर्ज हानी के मामले के बाद भी हुई आमला वापसी
बैतूल ।ट्रांसफर नीति में जिस वनमण्डल को नोडल बनाकर वन वृत्त की ट्रांसफर सूची को अंतिम रूप दिया जाकर जारी किया जाना था उसी नोडल दफ्तर ने ट्रांसफर के नियमो को दरकिनार कर दिया ।
दक्षिण वन मण्डल की ताप्ती,आमला ,मुलताई भैंसदेही,सावलमेंढा ओर मोर्शी रेंज में लगभग दो दर्जन ऐसे कर्मचारी है जिन्होंने अपनी पूरी नोकरी एक ही रेंज में कर ली है ।इन अंगदों का ट्रांसफर सीज़न कुछ नही बिगाड़ पाया ।ट्रांसफर सीज़न के बाद यह अधिकारियों की कृपा दृष्टि से स्थानीय व्यवस्था का लाभ लेकर सर्किल/बीट बदलवा लेते है । हमारी पड़ताल में यह नाम सामने आए है ब्रजलाल उइके मोर्शी, शिव प्रषाद महोबिया आमला,रिटायरमेंट के नज़दीक अरुण तिवारी और अनिरुद्ध चौहान, हरि परिहार 25 वर्ष से आमला में,भुवन राजपूत आमला,नरेंद्र साहू आमला,शिवनाथ वाघमारे ताप्ती,गणेश पवार आमला,राजेन्द्र मोखलगाय आमला, मनोज मोरे ताप्ती,सदाशिव राने ताप्ती रेंज शामिल है ।
इसके अलावा एक वर्ष पूर्व बांस बल्ली प्रकरण में हुई हानि की वजह से आमला हटाई गई सीमा चौकीकर और अविनाश शिंदे को आमला से एक आठनेर स्थानन्तरित किया गया है ।
सवाल यह है की जब नोडल ही ट्रांसफर नीति का खुला उलंघन कर रहे हो तो नीति नियम बनाने की क्या आवश्यकता ।