वर्षों से कांग्रेस के वोट बैंक में भाजपा के युवाओं ने लगाई सेंध,किदवई वार्ड के 138 नंबर बूथ पर कई वर्षों बाद भाजपा को मिली बढ़त
टीम अक्षय की मेहनत ने बदल दी मुस्लिम बाहुल्य वार्ड की परिपाटी
बैतूल। मुस्लिम बाहुल्य वार्ड में कांग्रेस को बढ़त मिल जाए, यह काफी कम देखने को मिलता है। हाल ही में बैतूल नगरपालिका के मुस्लिम बाहुल्य आधा दर्जन से अधिक वार्डों के परिणाम उठाकर देख ले तो स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में पार्टी को अच्छी बढ़त हासिल हुई है, लेकिन इसके उलट मुस्लिम बाहुल्य किदवई वार्ड की बात करें तो यहां के फांसी खदान वाले बूथ क्रमांक 138 पर इस बार भाजपा ने 34 वोट की बढ़त लेकर जैसे कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी कर दी है। भले ही यहां वोट भाजपा-कांग्रेस के जीत-हार में निर्णायक साबित नहीं हुए, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य वार्ड से बढ़त हासिल करना नाक से चने चबवाने जैसा है। इसका पूरा श्रेय यदि जाता है तो चुनाव के पहले भाजपा का दामन थामने वाले स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप के अक्षय तातेड़ और उनकी टीम द्वारा भाजपा का दामन थामने के बाद ही इस वार्ड में की गई बाड़ेबंदी को वजह माना जा रहा है।
वैसे तो शहर में जिस पार्टी को बढ़त मिली है, चुनाव में जीत हासिल करते आ रहा है। यही वजह है कि पार्टी की जीत-हार के लिए सबसे ज्यादा फोकस भाजपा और कांग्रेस बैतूल शहर में करते आ रही है। यहां 70 हजार से अधिक मतदाता दोनों ही पार्टी के लिए निर्णायक माने जाते हैं। दोनों ही पार्टियां यह मानती है कि उनके गैर परंपरागत वोट बैंक उनके पाले में नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें साधने के कोई प्रयास नहीं छोड़े जाते हैं। इस मामले में भाजपा ने इस मर्तबा विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य वार्डों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही वजह है कि नपा चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में भाजपा ने सेंधमारी की है। इससे चुनावी प्रेक्षक भी काफी हैरान कहे जा सकते हैं।
मुस्लिम वार्डों में कांग्रेस को बढ़त
शहर के सात से अधिक मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में कांग्रेस को 2800 से अधिक की बढ़त इस चुनाव में मिली है, लेकिन चुनाव परिणाम का आंकलन करने वाले बताते हैं कि नगरपालिका और गत विधानसभा चुनाव में जीत-हार का आंकड़ा काफी कम हो गया है। इन सात वार्डों में जो स्थिति सामने आई है, उसमें कांग्रेस को 2800 मतों की बढ़त हासिल हुई है, लेकिन निकाय चुनाव में यह आंकड़ा काफी कम हो गया है। जानकारी के मुताबिक आजाद वार्ड मेें पिछली बार 21 सौ मतों की बढ़त मिली थी जो इस बार 14 सौ पर आ गई। आर्यपुरा वार्ड में 700 वोटों की लीड 300 पर और महावीर वार्ड के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 700 की बढ़त पर आ गई है। कहीं न कहीं यह शक्ति केंद्र प्रमुखों की घेराबंदी का ही परिणाम है कि कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंकों में तगड़ी सेंधमारी की है। जानकारी के मुताबिक बीते नगरपालिका चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में सभी जगह कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली थी। करीब 6 हजार से अधिक की बढ़त आधे पर पहुंच गई है।
्रस्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप का मिला साथ
विधानसभा चुनाव के बीच स्प्रेडिंग स्माइल गु्रप के संस्थापक अक्षय तातेड़ द्वारा अपने एक हजार युवा साथियों के साथ भाजपा का दामन थामा था। इससे भाजपा को काफी मजबूती मिली। उनकी टीम की सभी सदस्यों को अलग-अलग वार्ड में भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए संकल्प दिलाया तो टीम ने पूरे चुनाव में अपनी जबरदस्त सहभागिता निभाई। कोठीबाजार क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन वार्डों में टीम के सदस्यों ने भाजपा प्रत्याशी को बढ़त दिलाने के लिए ताकत झोंक दी। मोती, कृष्णपुरा, देशबंधु, किदवई, तिलक समेत अन्य वार्डों में अक्षय तातेड़ की टीम द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोई कसर नहीं छोड़ी
किदवई वार्ड में सेंधमारी से अक्षय का बढ़ा कद
शहर के किदवई वार्ड स्थित बूथ क्रमांक 138 पर इस बार जिस तरह भाजपा ने 34 वोटों की बढ़त हासिल की है, यह अविश्वसनीय है। दरअसल किदवाई वार्ड कांग्रेस का परंपरागत वार्ड है। बीते निकाय चुनाव में भी यहां कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। भले ही यहां से कांगे्रेस को ओवर आल बढ़त मिली है, लेकिन बूथ क्रमांक 138 से भाजपा को कांग्रेस की अपेक्षा 34 अधिक मत अधिक मिले हैं। इस बूथ में कुल 1274 में से 976 मतदाताओं ने वोट डाले थे। यहां से 495 वोट भाजपा और 461 वोट कांग्रेस प्रत्याशी को मिले। यह जीत का अंतर 34 मत रहा। कहा जा रहा है कि अक्षय तातेड़ द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद यहां फांसी खदान क्षेत्र वाले इस बूथ पर अपनी टीम के साथ जबरदस्त मोर्चाबंदी की थी। इसी का परिणाम स्वरूप कई वर्षों बाद भाजपा को कांग्रेस के गढ़ में बढ़त हासिल करने का मौका मिला। चूंकि इस बूथ में भाजपा को को गत चुनाव में 300 वोट कम मिले थे, लेकिन अक्षय के प्रयासों से 34 मतों की बढ़त मिलना काफी मायने रखता है।