Wednesday, September 10, 2025
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स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह बनी नगर परिषद आठनेर, गंभीर बीमारियों के लिए कौन होगा जिम्मेदार

स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह बनी नगर परिषद आठनेर, गंभीर बीमारियों के लिए कौन होगा जिम्मेदार0

कानून के उल्लंघन के साथ ही मानवाधिकारों का भी हो रहा हनन, मामले में सभापतियों ने भी निकाली भड़ास

बैतूल। नगर परिषद आठनेर के स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण वे बिना किसी सुरक्षा किट के गंदी नालियों की सफाई करने के लिए मजबूर हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन कर्मियों के गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ गई है।
इस मामले में स्वच्छता पर्यवेक्षक गफ्फार काजी ने बताया, “हमने आवश्यक सामग्री के लिए कई बार मांग की है, लेकिन अब तक हमें कोई भी सामग्री प्राप्त नहीं हुई है।” इस स्थिति में, अगर स्वच्छता कर्मी किसी गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में नगर परिषद और संबंधित अधिकारी ही मुख्य जिम्मेदार होंगे। बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के काम करवाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह मानवाधिकारों का भी हनन है।
स्वच्छता कर्मियों का कहना है कि उन्हें न तो मास्क, न ग्लव्स, और न ही अन्य कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इस स्थिति में, यदि किसी कर्मी को गंभीर बीमारी होती है, तो इसका सीधा जिम्मा नगर परिषद पर आता है। नगर परिषद के अधिकारियों से इस मुद्दे पर पूछे जाने पर, उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इससे साफ है कि स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य के प्रति उनकी उदासीनता जारी है। यह स्थिति न केवल कर्मियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। नगर परिषद को तत्काल इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए और स्वच्छता कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान करना चाहिए, जिससे वे सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में अपना कार्य कर सकें। इस मामले में क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के लिए नगर परिषद और संबंधित अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। जनता और स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना नगर परिषद की प्राथमिकता होनी चाहिए।
— सभापति का कहना कहीं नहीं हो रही सुनवाई–
इस मामले में पार्षद वार्ड नं. 15 और स्वच्छता सभापति पूनम प्रवीण चढोकार ने कहा, “मेरे द्वारा कई बार अध्यक्ष और सीएमओ से कहा गया, किन्तु मेरी कही हुई किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अपनी ही मर्जी से नगर सरकार चला रहे हैं। पार्षदों या सभापतियों की बातों को लेकर कोई तवज्जों नहीं दी जाती है।”
— साफ सफाई और पानी की समस्या की हो रही अनदेखी–
सभापति राजस्व व सामान्य प्रशासन नगर परिषद आठनेर, गायत्री कैलाश आजाद ने बताया कि साफ सफाई और पानी की समस्या पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है। मौखिक और लिखित शिकायतों पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नगर परिषद की अधिकारियों का ध्यान साफ सफाई और पानी की समस्या पर नहीं है। हमने कई बार इस मुद्दे पर चेतावनी दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।” गायत्री कैलाश आजाद के अनुसार, यह समस्या नगर के निवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अधिकारियों को इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि साफ सफाई और पानी की समस्या का समाधान हो सके।

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