खसरे की नकल निकाली तो पैरों के नीचे से ज़मीन खसक गई,आदिवासी की ज़मीन गैर आदिवासी के नाम हो गई
पिता की मौत के बाद फर्जी तरीके से गैर आदिवासी के नाम हुई ज़मीन
बैतूल ।आदिवासियो की ज़मीन गैर आदिवासियों के नाम होने के मामले जिले में दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है ।ताज़ा मामला कनारा ग्राम का है जब सोनू धुर्वे ने अपनी पैतृक भूमि की खसरा रकबा की नकल निकाली तो उनके होश उड़ गए ।उनके पिता द्वारा 1975 में खरीदी गई जमीन 2012-13 में फर्जी तरीके से गैरआदिवासी ने अपने नाम करा ली है ।अब हकदार अपनी ज़मीन के लिए कलेक्टर को आवेदन कर न्याय की गुहार लगा रहे है ।
यह है पूरा मामला
सोनू धुर्वे ,राजू धुर्वे पिता बादल पिता ओझी निवासी कनारा तह. जिला बैतूल ने वर्ष 25.02.1975 के विक्रय पत्र के माध यम से विक्रेता मेंहगू वल्द नलसू गोंड निवासी कनारा तह. जिला बैतूल के नाम से दर्ज भूमि मौजा रातामाटी तह. भीमपुर जिला बैतूल सिथित खसरा नं. 486 में से 9.86 एकड़ भूमि कीमत 1000/ -रूपये में क्रय किया था। आवेदकगण के पिता बादल पिता ओझी के नाम नामांतरण करने के पश्चात सेवर्ष 1975 से वर्ष 2012-13 तक राजस्व अभिलेखो में बादल पिता ओझी का नाम राजस्व अभिलेखो में दर्ज रहा है। अनावेदकगण क्र. 1 के पति एवं अनावेदक के नानाजी भादू वल्द ओझी ने राजस्व कर्मचारियो एवं अधिकारियो से साठ गाठ कर आवेदकगण के पिता बादल वल्द ओझी के नाम पर जमीन ख.नं. 486/ 2 रकबा 9.86 एकड अपने नाम दर्ज करवा लिया था ।
अनावेदकगण के पिता भादू वल्द ओझी की मृत्यु के 4- पश्चात उकत्त भूमि ख.नं. 486/ 2 रकबा 9.86 एकड़ अनावेदकगण राजस कर्मचारियो से साठ गाठ कर राजस्व प्रकरण न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्र. 654 / अ-6/ 2021-22 के आदेश दिनांक 15.01.2022 में अपने नाम अवैध के रूप में नामांतरण करवा लिया। जबकि उक्त भूमि में अनावेदकगण को कोई हक व अधिकार प्राप्त नहीं थे।
यह कि अनावेदक क्र की पुत्री एवं अनावेदक क्र. 3 की बहन 5- 1 उर्मिला पिता भादू ने प्रेम विवाह कृष्णा पिता भैयालाल किरोदे उम्र 55 वर्ष जाति ढीमर निवासी खेडीसांवलीगढ से प्रेम विवाह किया था जिनके दाम्पत्य जीवन से विशाल एवं गौरव दो वारसान हुये। जो कि कृष्णा पिता भैयालाल के वैद्य संतान होकर ढीमर जाति के सदस्य होकर गैरआदिवासी सदस्य है। 6- यह कि अनावेदकगण ने गैरआदिवासी होने केतथ्यो को छिपाते हुये राजस्व कर्मचारियो एवं अधिकारियो से साठ गाठ कर उर्मिला पुत्री भादू के फोती नामांतंरण में राजस्व प्रकरण न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्र. 992/ अ-6 / वर्ष 2023-24 आदेश दिनांक 06.02.2024 के अनुसार विशाल किरोदे एवं गौरव किरोदे पिता कृष्णा के नाम से नामांतरण करवा लिया। जबकि आदिवासी भूमि पर गैरआदिवासी का किसी प्रकार हक व अधिकार नहीं होता। उक्त नामांतरण पूर्णत: विधि से निषेधित एवं विधि विपरित है तथा आपराधिक कृत्य है। म.प्र.राज्य शासन द्वारा प्रभावशील कानून के विपरित है इसलिये उक्त नामांतरण सिथर रखे जाने योग्य नहीं है अपास्त किये जाने योग्य है। अतः श्रीमान से निवेदन है कि अवैध एवं फर्जी तरीके से आवेदकगण जो आदिवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग के है के हक अधिकार की भूमि गैरआदिवासी व्यक्त को की गई अवैध नामांतरण की कार्यवाही निरस्त की जाये उक्त रिकार्ड पूर्वत किया जाये तथा उक्त नामांतरण को करने वाले सभी दोषियो के विरूद्ध उचित कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाये ।
इन लोगो ने किया अपने नाम
विरूद्ध पांडे वेवा भादू धुवेउग्र 70 वर्ष प्रेमलाल पुत्र भादू धर्वेउम्र 40 वर्ष डिसिटिक पुत्र भादू धर्व उम्र 38 वर्ष तीनो निवासी कनारा तह. जिला बैतूल विशाल पुत्र कृष्णा किरोदे उम्र 20 वर्ष गौरव पुत्र कृष्णा किरोदे उम्र 18 वर्ष दोनो जाति ढीमर (गैरआदिवासी) निवासी खेडीसांवलीगढ़ तह. जिला बैतूल
अनावेदकगण आतेदन वास्ते आवेदक के पिता के नाम दर्ज भमि पर अनावेदकगणो द्वारा साठगाठ कर अपने नाम दर्ज करने एवं आदिवासी की भूमि पर “दो गैरआदिवासी अनावेदकगण का नामांतरण करा लिया ।