Wednesday, September 10, 2025
Homeक्राइमसागौन तस्करी में लगा वाहन गस्ती दल को देख हड़बड़ाहट में पलटा,जेसीबी...

सागौन तस्करी में लगा वाहन गस्ती दल को देख हड़बड़ाहट में पलटा,जेसीबी से वाहन सीधा कर हुआ फरार

सागौन तस्करी में लगा वाहन गस्ती दल को देख हड़बड़ाहट में पलटा,जेसीबी से वाहन सीधा कर हुआ फरार

वन विभाग की मुस्तैदी ओर सीसीटीवी से पकड़ाये सागौन तस्कर गिरोह

40 नग अवैध सागौन के साथ तस्कर भी गिरफ्त में आये

बैतूल। दक्षिण वन मंडल ने सागौन तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया। घटना 29 सितंबर 2024 की है, जब ग्राम मासोद के पास एक खेत में गश्ती दल को देख कर सागौन तस्करी करने वालो का वाहन हड़बड़ाहट में पलट गया था इस वाहन चरपट होने की जानकारी मिली थी
डीएफओ दक्षिण विजयानन्तम टी.आर. के मार्गदर्शन में और उपवनमंडलाधिकारी, मुलताई संजय साल्वे के निर्देशन में वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पवांर और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की, जिसमें पाया गया कि रात करीब 2:30 बजे एक महिंद्रा पिकअप वाहन अवैध रूप से सागौन की लकड़ी ले जा रहा था। गश्ती दल को पिकअप वाहन के पलटने की भी सूचना मिली। वाहन में लगभग 40 नग सागौन मिले, जिनका कुल मूल्य करीब 40 हजार रुपये था।
टीम ने तुरंत जांच शुरू की और मासोद क्षेत्र के लगभग 6 सीसीटीवी कैमरे और पुलिस चौकी मासोद के कैमरों की मदद से सुराग हासिल किए। सीसीटीवी फुटेज की सहायता से वन विभाग की टीम महाराष्ट्र पहुंची, जहां महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से आरोपियों का पता चला। पूरी जांच के बाद, अमरावती (महाराष्ट्र) से पिकअप वाहन को जब्त कर लिया गया और आरोपी पंकज कटारे एवं तुषार धडोले को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी प्रभात पट्टन के निवासी हैं।
वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में वनपाल प्रमोद कलसूले, वनरक्षक अजय गायकवाड़, अलकेश लिलोरे, राजू पवांर, और विजय घोड़की की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनकी तत्परता और सूझबूझ से अवैध सागौन तस्करी का यह बड़ा मामला पकड़ा जा सका। अब तक की जांच में मिली जानकारी के अनुसार, वन विभाग की इस कार्रवाई में मासोद वन परिक्षेत्र के समस्त वन अमले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोपी पंकज कटारे एवं तुषार धडोले के साथ जुड़े अन्य संदिग्धों की भी जांच की जा रही है, ताकि सागौन तस्करी के इस रैकेट का पूरा नेटवर्क सामने आ सके। वहीं, सीसीटीवी फुटेज और मौके पर मिले साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि यह तस्करी की गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं, जिसे वन विभाग की मुस्तैदी ने अब उजागर किया है।

यह भी पढ़े

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

अन्य खबरे