जयस ने बैतूल कलेक्टर और भैंसदेही एसडीएम को हटाने की मांग
भैंसदेही शासकीय महाविद्यालय का नाम रामजी भाऊ कोरकू नहीं होने से बढ़ रही नाराजगी
भैंसदेही। भैंसदेही के शासकीय महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामजी भाऊ कोरकू के नाम से किए जाने की मांग आदिवासी समाज द्वारा लंबे समय से की जा रही है। नामांकरण के आदेश होने के बावजूद भी अब तक महाविद्यालय का नाम रामजी भाऊ कोरकू के नाम से नहीं किया गया है। अनुसूचित क्षेत्र होने और अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आदिवासी जननायकों को प्राथमिकता के आधार पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर रामजी भाऊ कोरकु के नामकरण का अमल नहीं होना आदिवासी सेनानी की अवहेलना है, पूरा प्रशासन सवालों के घेरे में है। वहीं इससे आदिवासी समाज में सरकार और प्रशासन के प्रति आक्रोश है। आदेश के बाद भी भैंसदेही महाविद्यालय का नामकरण नहीं होने पर जयस ने वर्तमान कलेक्टर और भैंसदेही एसडीएम, महाविद्यालय प्राचार्य को हटाकर जिले में आदिवासी कलेक्टर और एसडीएम की पदस्थापना किए जाने की मांग चल रहे हस्ताक्षर अभियान के दौरान की है।
जामवन्त कुमरे जयस प्रदेश संयोजक ने बताया जयस और कोरकू समाज संगठन के द्वारा चल रहे हस्ताक्षर अभियान को ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है। महादेव बेठे ने बताया ग्राम लाखाझिरी, पलस्या, झांगरी पानी के युवाओं में अभियान को लेकर उत्साह है और पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में शासकीय महाविद्यालय का नाम रामजी कोरकु होंगा, जो इतिहास के पन्नो में बैतूल के क्रांतिकारियों को याद किया जाएगा। अभियान के दौरान सूरज बारस्कर, रमेश बारस्कर, राजाराम कास्देकर, मुगीलाल पांसे, सुनील बारस्कर, रविश बारस्कर, कालिया बारस्कर, सुनील अखंडे, गुड्डू बारस्कर, सतीश कास्देकर, दिनेश धोटे, प्यारेलाल, रवि, देवा, सुनील, बाबुलाल, अजय, विनोद, अशोक डेभा आदि शामिल रहे।