किसान ने व्यापारी के खिलाफ लगाए जबरन उपज खरीदने और धमकाने के आरोप
कृषि उपज मंडी का मामला,किसान ने कलेक्टर से की शिकायत
उपज वापस दिलवाने और व्यापारी का लायसेंस निरस्त करने की मांग
बैतूल। कृषि उपज मंडी बडोरा में व्यापारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। विगत दिनों एक व्यापारी द्वारा किसानों के साथ 30 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया था। 21 किसानों से 30 लाख रुपये की उपज खरीदी करने के बाद व्यापारी बिना भुगतान किए फरार हो गया था। इस मामले के बाद बुधवार को कृषि उपज मंडी बडोरा में फिर एक किसान के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। कृषि उपज मंडी में किसान की अनुपस्थिति में व्यापारी द्वारा जबरन उपज की खरीदी कर ली गई। आरोप है कि किसान ने जब इस बात का विरोध किया तो व्यापारी द्वारा किसान के साथ अभद्रता करते हुए धमकाया गया। मामले की शिकायत किसान ने कलेक्टर से की है।
दामजीपुरा निवासी शिकायतकर्ता किसान जितेन्द्र चिन्टू राठौर ने शिकायत आवेदन में बताया कि वे अपनी उपज सोयाबीन बेचने बैतूल कृषि उपज मंडी गए थे। इस दौरान व्यापारी प्रमोद अग्रवाल ने नरेन्द्र राठौर के नाम अनुबंध काट कर उनकी अनुपस्थिति में उपज की तुलाई करा ली। विरोध किया गया तो व्यापारी द्वारा गाली गलौच कर धमकाया गया। आवेदक किसान ने आरोप लगाया कि व्यापारी द्वारा उन्हें जाति सूचक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि पिछले 28 साल से राठौर और तेलियों को मैं ही चरा रहा हूं, तेली राठौर तो एक नंबर के चोर और मक्कार है। इस मंडी को मैं चलाता हूं। अनाज तिलहन व्यापारी संघ और उसका अध्यक्ष मेरी जेब में है। तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, जहां शिकायत करना है कर लो। कलेक्टर के पास जाओ या एस. पी. के पास जाओ कोई मेरा कुछ नही करेगा मेरा सबके साथ उठना बैठना है। किसान ने शिकायत आवेदन के माध्यम से कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उक्त व्यापारी प्रमोद अग्रवाल से उनकी उपज वापस दिलवाई जाये और व्यापारी का लायसेंस निरस्त कर एफआईआर की जाए। आवेदक किसान ने शिकायत आवेदन की प्रतिलिपि मंडी सचिव सहित पुलिस अधीक्षक को भी प्रेषित की है।
व्यापारियों की मनमानी पर किसानों ने जताई नाराजगी
कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की बढ़ती दखल अंदाजी से किसानों में नाराजगी पनप रही है। किसान व्यापारी का लाइसेंस निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व में 21 किसानों के साथ ठगी होने के बाद किसानों की नाराजगी बढ़ती देख मंडी प्रबंधन के द्वारा व्यापारी का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई कर दी गई है। मंडी सचिव द्वारा किसानों को भुगतान न करने के कारण हरि ट्रेडिंग कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। किसानों का आरोप है कि हरि ट्रेडिंग कंपनी को भी उक्त व्यापारी का संरक्षण प्राप्त है।