मप्र सरकार के बजट में फिर बैतूल की उपेक्षा,मेडिकल कॉलेज,कृषि अनुसंधान केन्द्र,जनजाति छात्रावास नहीं मिले
बैतूल। मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने विपक्ष के हंगामे के बीच आज बजट पेश किया। प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार का यह पहला बजट है। इसमें प्रदेशवासियों पर कोई नया कर तो नहीं लगाया गया है। लेकिन बैतूल जिले की इस बजट में फिर उपेक्षा देखने को मिली है। जबकि इस बार जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के साथ ही पांचों विधायक भाजपा के होने से जिले को इस बजट से खासी उम्मीदें थी,लेकिन जिले के माननीय इस बजट में बैतूल को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिलवा पाएं है। मोहन सरकार ने इस साल के बजट में 3 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया है। बजट के अनुसार, इस साल मंदसौर, नीमच और सिवनी में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे। लेकिन बैतूल अभी भी मेडिकल कॉलेज से अछूता रह गया है। ग्वालियर में सरसों और उज्जैन में चना अनुसंधान संस्थान की स्थापना होंगी। इस बार की बजट में बैगा, भारिया और सहरिया जैसी पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के लिए 22 नए छात्रावास खोलने जा रही है लेकिन बैतूल जिले की सबसे पिछड़ी जनजातियों में कोरकू समाज के बच्चों की इस बजट में उपेक्षा देखने को मिली है। ज्ञात हो की इसी जनजाति के एक विधायक बैतूल जिले के है लेकिन वे अपनी समाज के बच्चों को छात्रावास की सौगात नही दिलवा सकें। आने वाले दिनों में बैतूल की जनता को माननीयों से उम्मीद जरूर है की जिले में मेडिकल कॉलेज,कृषि अनुसंधान केन्द्र, आईटीआई और नए छात्रावासों की सुविधा उपलब्ध करवा पाएंगे।