मणिपुर हिंसा के विरोध में आदिवासी महिलाओं ने हसिया लाठी डंडे लेकर रैली निकाली
कलेक्टर नहीं आए ज्ञापन लेने तो कलेक्टर कार्यालय में घुसी आदिवासी महिलाएं,पुलिस से हुई धक्का मुक्की
बैतूल ।मणिपुर हिंसा के विरोध में आज मंगलवार को जिले भर की आदिवासी महिलाओं ने हाथों में हसिया लाठी डंडे लेकर रैली निकाली । आदिवासी महिलाये राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपना चाहती थी लेकिन कलेक्टर ज्ञापन लेने नही आये तो कलेक्टर कार्यालय में आदिवासी महिलाएं घुसी सिक्योरिटी ने रोकने का प्रयास किया तो धक्कामुक्की भी हुई। कलेक्ट्रेट में नारेबाजी करते हुए आदिवासी महिलायें धरने पर बैठ गई ।
मणिपुर में आदिवासी समाज पर लगातार हो रहे हमलों में महिलाओं से बलात्कार हत्या जैसे मामलों की खबरों के सामने आने के बाद बैतूल में समस्त आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन किया गया ।प्रदर्शन में शामिल आदिवासी महिला देवेश्वरी मरकाम कहती है कि मणिपुर की घटना भारत देश की समस्त महिलाओ के लिए शर्मसार करने वाली घटना है हम इसका विरोध करते है उसी घटना के विरोध में हम धरना प्रदर्शन कर मांग करते है कि मणिपुर में जो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया उनके हत्यारो को फांसी की सज़ा हो ।जिला कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस के दफ्तर से समय लेने और कलेक्टर के न मिलने पर नाराज़ आदिवासी महिला पुष्पा पेंदराम ने कहा कि हमने 2 बजे का समय लिया था लेकिन केलक्टर साहब नही मिलने पर हम उनके दफ्तर में घुस आए है और ज्ञापन केलक्टर को ही देकर जाएंगे श्रीमती पेंदराम भी आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने आए थी ।
मध्यप्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत कर आदिवासियों के हक की आवाज़ बुलंद करने वाली जयस के प्रदर्शन में शामिल होने से जिला प्रशासन भी चौकस रहा लेकिन कम सुरक्षा बल के मौजूद होने पर महिलाओं ने धक्का मुक्की सहते हुए दफ्तर के अंदर ही धरना शुरू कर दिया था ।जयस के जिला अध्यक्ष सन्दीप धुर्वे के मुताबिक हम आदिवासियों की नसों में भगवान बिरसा मुंडा ओर अम्बेडकर का खून भर हुआ है देश मे आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ा है और यह अत्याचार नही रुक तो हम आदिवासी ओर भारत के मूल निवासी मिलकर सत्ता पलटने का प्रयास करेंगे ।हम मोदी अमित शाह से चाहते है कि आदिवासियों पर जो अत्यचार हो रहे है उन्हें जल्द से जल्द रोकें ओर अत्यचार करने वाले दरिंदों को फांसी दे अन्यथा पूरे देश मे उग्र आंदोलन करेंगे ।
सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
भारत सरकार के महिला बाल विकास विभाग में मंत्रीपद पर महिला मंत्री होते हुए भी महिलाओं के साथ क्रूरता पूर्ण अपराध के लिये महिलाओं के बचाव में कोई ठोस कदम नही उठाना, उक्त प्रकरण में मूकदर्शक तमाशबीन बने रहना भी उनके द्वारा आदिवासी महिलाओं के प्रति सोच को दर्शाता है। आदिवासी समाज मणिपुर में महिलाओं के साथ किये गये घृणित कृत्य की घोर निंदा करता है। महामहिम राष्ट्रपति से आदिवासी समाज अनुरोध करता है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ क्रूरतापूर्ण, दरिन्दगी, अपराध को संज्ञान में लेकर अपराधियों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए, साथ ही भारत की महामहिम राष्ट्रपति होने के नाते विभिन्न प्रदेशों में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को भी संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालो में यह रहे शामिल
ज्ञापन सौंपने वालों में महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष दुर्गा उइके, देवेश्वरी मरकाम, स्मिता धुर्वे, गणेशी कुमरे, शशि वाड़ीवा,पुष्पा पेंदाम,आरती कंगाले, संगीता परते,जयवंती इरपाचे, सुविता उइके,पुष्पा मर्सकोले, जमुना धुर्वे,सेवंती कुमरे,रानी धुर्वे, रीता आहके,सुनीता भलावी, संतरी कुमरे, जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके, संदीप कुमार धुर्वे जयस अध्यक्ष, दिलीप धुर्वे, राजा धुर्वे, जितेंद्र सिंह इवने, सौरभ सलामे, मनीष परते, राजेश कुमार धुर्वे, महेश उइके समेत अन्य सैकड़ों सामाजिक महिलाएं उपस्थित रहीं।